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Be a lazy person, and do not leave your comfort zone

  Be a lazy person, and do not leave your comfort zone. If you don't have any comfort zone then create it. Because, you will unlock the power to choose the right thing to do or the things you want to do, you like to do, you will able to follow your passion and your dreams. Also, you will able to say "NO". If you are lazy or have comfort zone you will never like to break it and will not ready to do anything. You will say no the things, the persons or work those you don't like or don't want to do. Or in case you get the work by any external force which you are not ready to do. You will try to find the way to do quickly or try to transfer to other. The best quality of lazy person or the person who has comfort zone is he never quit his passion. He always follow that and find the easiest way to fulfill it. So don't listen anyone, be a lazy person and do not leave your comfort zone.   ~Durgesh Kumar

न जाने लोगों को हुआ क्या है

  न जाने लोगों को हुआ क्या है एक वक़्त था जब लोग देश प्रेम में जान देते थे आज महबूब के प्यार में जान देते है एक वक्त था जब लोग देश प्रेम के नशे में रहते थे आज न जाने किस-किस नसे में रहते है एक वक़्त था जब लोग देश की बात करते थे आज न जाने किस – किस पार्टियों के बारे में बात करते है एक वक़्त था जब लोग देश के हित में बात करते थे आज अपने ही हित की बाते ख़त्म नही होती एक वक़्त था जब लोग देश की सुरक्षा की बात करते थे आज अपने ही घर में सुरक्षित महसूस नही करते हैं एक वक़्त था जब फटे कपडे वाले को गरीब कहते थे आज फटे कपडे वालो को अमीर कहते है एक वक़्त था जब लोग गरीबी में भी खुश रहते थे आज तो अमीरी में भी लोग रोते हैं एक वक़्त था जब कुए से भी मीठा पानी मिल जाता था आज तो चीनी का भी स्वाद पानी में फीका लगता है एक वक़्त था एक रूपए में बाजार हो जाता था आज हजार हो तो वो भी कम पढ़ जाते है एक वक़्त था जब परिवार पल जाते थे एक ही घर में आज अलग अलग घर में भी परिवारों का पलना मुस्किल है एक वक़्त था एक बैलगाड़ी में पूरा गाँव बाजार कर आता था आज एक कार में परिवार बाजार नही जा पता

Rape cases are normal in India?

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  क्या हो गया है इस समाज को, जब भी जागने की बात की जाती है तो हमेसा सोने का ही मन क्यों करता है क्या हवस में इतना डूब चुका है मर्द जात की भूल जाता है कि समाज में जिसका सम्मान करना चहिये उसी के साथ ऐसा दुर्व्यवहार ऐसा अत्याचार | गाँव में कहावत है “एक करे सब लादी” करोडो की संख्या वाले इस भारत देश में, आज आदमी इस मुकाम पे है की उसे अच्छे कामो से ज्यादा बुरे कामो के लिए जाना जाने लगा है| नारी सम्मान से ज्यादा, नारी का अपमान करने के लिए जाने जाना लगा है| आज हर साल अनगिनत बलात्कार के मामले सामने आते है और अब तो हद ही हो चली है न उम्र देखते है न नर देखते है न नारी इससे अच्छा है जब बुराई इतने सर चढ़ जाये तो खुदकुसी कर लेनी चहिये| कोई तुम्हारी हवस की भेट चढ़ने से बच जायेगा| अब बहुत हो चूका है लोगो को जरूरत है अब आवाज न उठाये अपने यार दोस्तों में लड़की के अपमान की बात भी हो तो या तो उन्हें समझाए या सीधा उन पर हाथ उठाये| पहला बीज तब बोया जा रहा होता है जब आप अपने दोस्तों के बीच बैठ कर नारी के लिए घिनोनी बात कर रहे होते है| मस्ती मजाक के लिए और भी मुद्दे हो सकते है सिर्फ नारी को लेकर गलत सोच